
27 मई 2025 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) कार्यक्रम के लिए एक विशेष मंजूरी दी. यह कदम भारत के आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इस कार्यक्रम को वैमानिकी विकास एजेंसी (ADA) उद्योगों की साझेदारी के साथ लागू करेगी, जिसमें निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को समान अवसर मिलेंगे.
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AMCA क्या है?
उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) भारत का 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान है, जिसे भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है. यह विमान अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होगा, जैसे...
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AMCA को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की ADA द्वारा विकसित किया जा रहा है. इसका लक्ष्य भारतीय वायुसेना को 2030 तक एक विश्वस्तरीय स्वदेशी विमान देना है, जो आयातित विमानों (जैसे राफेल या सुखोई) पर निर्भरता को कम करेगा.
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AMCA कार्यक्रम का कार्यान्वयन मॉडल
रक्षा मंत्री ने AMCA के विकास के लिए एक नया कार्यान्वयन मॉडल मंजूर किया है, जिसमें निम्नलिखित विशेषताएं हैं:
उद्योग साझेदारी: ADA इस कार्यक्रम को निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के साथ मिलकर चलाएगी. इससे स्वदेशी तकनीकी विशेषज्ञता और क्षमता का उपयोग होगा.
समान अवसर: निजी और सार्वजनिक कंपनियां स्वतंत्र रूप से, संयुक्त उद्यम (जॉइंट वेंचर) या कंसोर्टिया (कई कंपनियों का समूह) के रूप में बोली लगा सकती हैं. बोली लगाने वाली कंपनी को भारतीय कानूनों का पालन करना होगा.
प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया: सभी कंपनियों को समान मौका मिलेगा और चयन प्रतिस्पर्धा के आधार पर होगा.
रुचि पत्र (EoI): ADA जल्द ही AMCA के विकास चरण के लिए एक एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) जारी करेगी, जिसके तहत कंपनियां अपनी भागीदारी के लिए आवेदन कर सकेंगी.
यह मॉडल भारत के एयरोस्पेस उद्योग को बढ़ावा देगा और निजी कंपनियों, जैसे HAL, टाटा, L&T और अन्य, को बड़े रक्षा प्रोजेक्ट में शामिल होने का मौका देगा.
AMCA की खासियतें
AMCA भारत का पहला 5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा, जिसमें कई उन्नत विशेषताएं होंगी...
AMCA का विकास और समयरेखा
AMCA का विकास दो चरणों में होगा...
Mk1: 5वीं पीढ़ी की बुनियादी स्टील्थ क्षमताओं के साथ, जिसके लिए GE F414 इंजन का उपयोग होगा. इसका पहला प्रोटोटाइप 2027 तक उड़ान भर सकता है.
Mk2: उन्नत संस्करण, जिसमें स्वदेशी इंजन और अधिक AI-आधारित तकनीकें होंगी. यह 2030 के बाद तैयार होगा.
ADA ने पहले ही AMCA के डिज़ाइन को अंतिम रूप दे दिया है. अब उद्योग साझेदारी के साथ प्रोटोटाइप निर्माण शुरू होगा. 2030 तक भारतीय वायुसेना में AMCA की पहली स्क्वाड्रन शामिल होने की उम्मीद है.
रणनीतिक महत्व
AMCA कार्यक्रम भारत की रक्षा और रणनीतिक क्षमताओं के लिए गेम-चेंजर है...
आत्मनिर्भरता: आयातित विमानों पर निर्भरता कम होगी. भारत का एयरोस्पेस उद्योग वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनेगा.
चीन और पाकिस्तान का जवाब: AMCA चीन के J-20 और पाकिस्तान के प्रोजेक्ट AZM जैसे 5वीं पीढ़ी के विमानों का मुकाबला करेगा.
आर्थिक लाभ: निजी और सार्वजनिक कंपनियों की भागीदारी से रोजगार और तकनीकी नवाचार बढ़ेगा.
निर्यात की संभावना: AMCA की सफलता भारत को लड़ाकू विमानों के निर्यातक देश के रूप में स्थापित कर सकती है.
शिवानी शर्मा