
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना के एयर डिफेंस सिस्टम की काफी चर्चा हुई, जिसने पाकिस्तान के हर हमले को नाकाम कर दिया. आजतक संवाददाता गौरव सावंत बॉर्डर पर उस जगह पहुंचे जहां देश का आकाश एयर डिफेंस तैनात है. इसके अलावा डिफेंस यूनिट के पास है ZU-23 एयर डिफेंस समेत कई हथियार हैं, जिसने ऑपरेशन के दौरान शानदार काम किया. ऐसे तमाम हथियारों के वर्किंग प्रोसेस को लेकर आजतक ने ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की है.
सटीक हमलों को दिया अंजाम
इस दौरान बॉर्डर पर तैनात राइजिंग स्टार कोर कमांडर ले. जनरल राजन शेरावत ने बताया कि हमने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को यह दिखाया है कि हम जहां चाहें उस जगह को निशाना बना सकते हैं और यही इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी कामयाबी रही. उन्होंने कहा कि सैन्यबल, ताकत और विजन सबमें हम पाकिस्तान से काफी आगे हैं. इसी वजह से हमने 9 आतंकी ठिकानों को चुना और सफलतापूर्वक उन्हें तबाह भी कर दिया.
पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई को लेकर राजन शेरावत ने कहा कि पाकिस्तान सेना को निशाना बनाना हमारा मकसद कभी नहीं था और हमने सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. लेकिन पाकिस्तानी सेना ने पलटवार किया और इससे उनकी आतंक को समर्थन देने वाली मंशा भी जाहिर हो गई. हमने भी पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए उनके सैन्य ठिकाने तबाह किए और उनका हर हमला हमारे एयर डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिया.
भारत के हमले के सबूत सबके सामने
उन्होंने एयर डिफेंस के बारे में बात करते हुए कहा कि हमने अपने इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर को इस हिसाब से तैनात किया कि कोई भी पाकिस्तानी मिसाइल या ड्रोन इसे भेद नहीं पाए. ले. जनरल राजन शेरावत ने कहा कि हमने पाकिस्तान में कहां-कहां टारगेट किया, उसके सबूत और सैटेलाइट इमेज पूरी दुनिया के सामने हैं, हम पर हुए हमले का कोई सबूत नहीं है क्योंकि कोई मिसाइल हमारी धरती को छू भी नहीं पाई और पाकिस्तान की हर कोशिश नाकाम हो गई.
इसी तरह आर्मी ने भी बॉर्डर पर पाकिस्तान को माकूल जवाब दिया. राजन शेरावत ने कहा कि हमने पाकिस्तान की चुनिंदा चौकियों को टारगेट किया ताकि पाकिस्तान को सबक सिखाया जा सके. पाकिस्तान की ओर से भेजे गए गोला-बारूद को निष्क्रिय करने वाली टीम से भी आजतक ने बातचीत की है. भारत ने न सिर्फ पाकिस्तानी बल्कि तुर्की में बने यिहा ड्रोन को भी मार गिराने का काम किया है.
तुर्की के ड्रोन कैसे किए तबाह
गौरव सावंत से बातचीत में सेना की ऑर्डिनेंस कोर की टीम ने बताया कि हमें लोकल पुलिस से ड्रोन के बारे में जानकारी मिली थी. तुर्की के ड्रोन में 10 किलो विस्फोटक था, जिसे हमारी टीम ने निष्क्रिय किया था. ड्रोन को डिएक्टिवेट करने वाले टीम बुलेट प्रूफ ड्रेस पहनती है जिसपर धमाके का भी कोई असर नहीं होता. टीम ने बताया कि ड्रेस का वजन 60 किलो से ज्यादा होता है और पूरे ऑपरेशन के समय इसे पहने रहना होता है. टीम ने बताया कि ड्रोन को निष्क्रिय करने के बाद 4X4 फीट का गड्ढा खोदकर वॉरहेड को उसमें दबा दिया जाता है और फिर उसे विस्फोट किया जाता है ताकि बाहर किसी तरह का नुकसान न हो सके.
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गौरव सावंत