नेटफ्लिक्स की नई फिल्म 'ज्वेल थीफ' रिलीज हो चुकी है. सैफ अली खान और जयदीप अहलावत स्टारर इस फिल्म का इंतजार फैंस को बेसब्री से था. अगर आपने पिक्चर का ट्रेलर देखा हो तो इसमें एक्शन और सस्पेंस के साथ बहुत सारे थ्रिल का वादा भी किया गया था. यही 'ज्वेल थीफ' आपको सर्व भी कर रही है.
क्या है फिल्म की कहानी?
फिल्म की कहानी शुरू होती है राजन औलख (जयदीप अहलावत) के अलीबाग के फार्महाउस से, जहां कई बेहतरीन पेंटिंग्स को नीलाम किया जा रहा है. मिस्टर औलख दुनिया के सामने आर्ट कलेक्टर हैं, और बंद कमरे में अंडरवर्ल्ड से जुड़े राजन भाई. उनकी कंजी आंखें, सुनहरे बाल और सख्त बर्ताव, चीख-चीखकर बताता है कि वो सही आदमी नहीं है. अपनी पेंटिंग्स की नीलामी के दौरान ही राजन औलख को पता चलता है 'रेड सन' के बारे में. रेड सन दुनिया के सबसे बेशकीमती हीरा है. अफ्रीका के शाही परिवार का सदियों से हिस्सा रहा ये हीरा अब भारत आ रहा है और राजन को इसकी चाहत है. हीरे को पाने और अपनी अमीरी को बढ़ाने के लिए राजन के मन में पहला इंसान जो आता है, वो है रेहान रॉय (सैफ अली खान).
रेहान एक बेहद शातिर चोर है, जिसे पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. वो चुटकियों में लोगों की नजरों से ओझल हो जाता है. उसके हाथ से कोई कीमती चीज नहीं बच सकती और उसका दिमाग चाचा चौधरी से भी तेज चलता है. अपने कारनामों के चलते रेहान को उसके पिता (कुलभूषण खरबंदा) ने घर से निकाल दिया था. तो वहीं इंडियन पुलिस भी उसके पीछे पड़ी है. इन सबसे बचता-बचाता रेहान विदेशों में हाथ साफ करता है. लेकिन जब राजन औलख उसे रेड सन चुराने के लिए बुलाता है तो वो मना नहीं कर पाता. इसके पीछे उसकी मर्जी से ज्यादा मजबूरी है. और यही से शुरू होता है कॉन 'आर्टिस्ट' रेहान का अपने टैलेंट को दिखाने का सिलसिला.
रेहान के पीछे एसटीएफ अफसर विक्रम पटेल (कुणाल कपूर) हाथ धोकर पड़ा हुआ है. अगर रेहान, विक्रम से बच जाता है तो भी राजन उसे बिना हीरे के नहीं छोड़ेगा. आगे कुआं, पीछे खाई, रेहान की शामत... आएगी या नहीं, यही फिल्म 'ज्वेल थीफ' में देखने वाली बात है.
'ज्वेल थीफ' एक हाइस्ट मूवी है, जिसमें डायरेक्टर कुकी गुलाटी और रॉबी ग्रेवाल ने एक्शन और थ्रिल के साथ-साथ कॉमेडी और रोमांस को मिलाकर चलने की कोशिश की है. इस पिक्चर के किरदार खतरनाक और चालाक हैं, जिन्हें देखते हुए मजा आता है. फिल्म की कहानी ट्विस्ट एंड टर्न्स से भरी हुई है, लेकिन किरदारों की जरूरत के हिसाब से यहां-वहां भी निकल जाती है. यही इस पिक्चर की कमजोरी है. फिल्म का स्क्रीनप्ले काफी क्रिस्प है, लेकिन आप इसपर सवाल भी उठाते हैं.
परफॉरमेंस
सैफ अली खान ने रेहान रॉय का किरदार बखूबी निभाया है. रेहान के तेजतर्रार अंदाज और कूल बॉय चार्म को सैफ अच्छे से कैरी करते हैं. उनके हाथ की सफाई के साथ-साथ आपको उनके हाथ की पिटाई देखने में भी मजा आएगा. फिल्म के कई मौके हैं, जब आप सैफ को मारधाड़ करते देखेंगे. इसके अलावा एक्ट्रेस निकिता दत्ता संग रोमांस और कुलभूषण खरबंदा के साथ इमोशनल सीन्स में भी वो छाए हैं.
जयदीप अहलवात अपने राजन औलख के रोल से आपको सरप्राइज करते हैं. उनका अंदाज इस फिल्म में एकदम ही अलग है. उनकी ट्रांसफॉर्मेशन और डांस के चर्चे तो काफी वक्त से हो ही रहे हैं, लेकिन राजन के रूप में उनके अवतार का अपना रौब है. जयदीप को देखकर आपको डर भी लगता है और आप उनकी तरफ अट्रैक्ट भी होते हो. राजन औलख, सिर्फ रौब वाला ही नहीं है, वो सनकी भी है. इस किरदार में जयदीप अहलावत को देखकर साफ है कि उनसे बेहतर इस रोल को कोई और शायद ही कर सकता था.
निकिता दत्ता, कुणाल कपूर, गगन अरोड़ा और कुलभूषण खरबंदा ने अपने रोल्स को अच्छे से निभाया है. हालांकि कमी यही है कि इन सभी के किरदारों और राजन और रेहान संग इनके रिश्ते और कहानी को खुलकर एक्सप्लोर नहीं किया गया. रेहान और उसके पिता के बीच काफी बैगेज है, जिसे अक्सर पिक्चर में दिखाया गया होता तो उसे देखने में मजा आता. तो वहीं फराह (निकिता दत्ता) संग राजन के रिश्ते को भी खुलकर दिखाया जा सकता था, जिससे पता चलता कि उनका रिश्ता किस-कदर टॉक्सिक है. इस एंटरटेनिंग फिल्म को देखते हुए यही बातें आपको चुभती हैं. पिक्चर का म्यूजिक बढ़िया है.