मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा 6 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में है. अब मंगलवार को उसने अपने परिवार से फोन पर बातचीत करने की इजाजत के लिए पटियाला हाउस कोर्ट में नई याचिका दायर की है. राणा ने न्यायिक हिरासत में जेल नियमों के मुताबिक परिवार से बातचीत के लिए जेल प्रशासन की ओर से दी जाने वाली सुविधाएं पाने के लिए गुहार लगाई है.
याचिका पर कल होगी सुनवाई
पटियाला हाउस कोर्ट की NIA कोर्ट तहव्वुर राणा की याचिका पर बुधवार को सुनवाई को करेगी. इससे पहले NIA कस्टडी के दौरान भी तहव्वुर राणा ने परिवार से बात करने की मांग की थी. लेकिन सुनवाई के बाद NIA कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था. राणा ने जब NIA की हिरासत में रहते हुए फोन पर बात कराने की याचिका लगाई थी तो कोर्ट ने कहा था कि न्यायिक हिरासत में जाने पर जेल नियमों के मुताबिक इसकी राहत मिल सकती है. लिहाजा अब न्यायिक हिरासत में आने के बाद उसने फिर से अर्जी लगाई है.
ये भी पढ़ें: तहव्वुर राणा को फांसी दे पाएगा भारत का कानून? मानने होंगे प्रत्यर्पण संधि के ये नियम
अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद तहव्वुर राणा को एनआईए कस्टडी में रखा गया था और इसके बाद उसे दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. यहां उसे 6 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला सुनाया गया था. राणा, मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी है, जिसे 4 अप्रैल को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से उसके भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर रिव्यू पिटीशन खारिज होने के बाद लाया गया था.
हेडली का दोस्त है तहव्वुर राणा
मुंबई हमले में राणा की भूमिका का खुलासा उसके दोस्त डेविड हेडली से पूछताछ के दौरान हुआ था. 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमलों में 10 पाकिस्तानी आतंकी शामिल थे. उन्होंने अरब सागर के रास्ते मुंबई पहुंचने के बाद शहर में कई जगहों पर हमले किए थे. इसमें एक रेलवे स्टेशन, दो आलीशान होटल और एक यहूदी सेंटर शामिल था. हमला करीब 60 घंटे तक चला और इसमें 166 लोगों की जान गई थी.
तहव्वुर राणा पर हेडली उर्फ दाउद गिलानी, लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (एचयूजेआई) और पाकिस्तान के साथ हमले की साजिश रचने का आरोप है. प्रत्यर्पण के बाद भारत में उसे सजा दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की अगुवाई में वकीलों की एक स्पेशल टीम बनाई है. गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक यह नियुक्ति एनआईए एक्ट 2008 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 के तहत की गई है.
ये भी पढ़ें: तिहाड़ नहीं तो फिर कहां रखा गया है तहव्वुर राणा को? कैसी है सुरक्षा, NIA कौन-कौन से राज उगलवाएगी?
वकीलों की टीम में तुषार मेहता के अलावा अपर सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू, विशेष लोक अभियोजक दयान कृष्णन, विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र मान शामिल हैं. यह टीम तीन साल तक या ट्रायल पूरा होने तक, जो पहले हो, एनआईए की ओर से विशेष अदालतों, दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में राणा के खिलाफ मुकदमा लड़ेगी.