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वेमुलावाड़ा की गौशाला में 31 गायों की मौत, कई की हालत गंभीर... प्रशासन की व्यवस्थाओं पर उठे सवाल

वेमुलावाड़ा की गौशाला में 31 गायों की मौत हो चुकी है, जबकि कई गायें गंभीर रूप से बीमार हैं. गोशाला में क्षमता से अधिक गायें रखी जा रही हैं, जिससे उनकी देखभाल में कमी आ रही है. इस घटना ने प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं. स्थानीय भक्त और ग्रामीण इस स्थिति को देखकर बेहद नाराज हैं और शीघ्र सुधार की मांग कर रहे हैं.

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गोशाला की व्यवस्थाओं पर उठे सवाल. (Representational image)
गोशाला की व्यवस्थाओं पर उठे सवाल. (Representational image)

तेलंगाना के राजन्ना सिर्सिल्ला जिले की वेमुलावाड़ा स्थित टिप्पापुरम गौशाला में गायों की लगातार मौत हो रही है. इस घटना ने प्रशासन और देवस्थानम विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं. यहां अब तक 31 गायों की मौत हो चुकी है और तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है.

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यह गौशाला श्री राजाराजेश्वरा स्वामी देवस्थानम के अधीन है. परंपरा के अनुसार, भक्तों द्वारा दान की गई गायों को पहले इसी गौशाला में लाया जाता है और फिर उन्हें किसानों को दे दिया जाता है. आरोप है कि पिछले छह महीनों से यह प्रक्रिया पूरी तरह बंद है.

गायों को किसानों को न दिए जाने से गौशाला में मवेशियों की संख्या बढ़ गई है. इस आश्रयगृह की क्षमता केवल 500 से 600 गायों की है, वहीं वर्तमान में यहां 1,200 से अधिक मवेशी हैं. अधिक भीड़ और संसाधनों की कमी के चलते कई गायों की तबीयत बिगड़ रही है, जिनमें से दर्जनों की मौत हो चुकी है.

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स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में इस लापरवाही को लेकर भारी रोष है. उनका कहना है कि गौशाला की यह स्थिति देवस्थानम और एंडॉवमेंट्स डिपार्टमेंट की घोर उदासीनता का परिणाम है. न तो पशुओं के लिए पर्याप्त चारा है, न चिकित्सा सुविधा, और न ही साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था.

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जानकारों का कहना है कि जब तक गायों के हस्तांतरण की प्रक्रिया दोबारा शुरू नहीं होती और गौशाला के संचालन में सुधार नहीं किया जाता, तब तक हालात और बिगड़ सकते हैं. पशुपालन विभाग की ओर से भी अभी तक कोई ठोस कार्रवाई या राहत उपाय नहीं किए गए हैं, जिससे हालात और चिंताजनक बनते जा रहे हैं. श्रद्धालुओं और पशु प्रेमियों ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि गायों की जान बचाई जा सके और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो.

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