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जयपुर: गुर्जर आंदोलनकारी रेलवे ट्रैक से हटे, सरकार से मिले आश्वासन पर बनी सहमति

राजस्थान के भरतपुर में आरक्षण समेत अन्य मांगों को लेकर हुई गुर्जर महापंचायत के बाद कुछ लोगों ने मुंबई-दिल्ली रेलवे ट्रैक पर ट्रेन रोकी. सरकार से प्रमुख मांगों पर सहमति के बाद प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक खाली कर दिया. सरकार ने 5% आरक्षण को नौवीं अनुसूची में शामिल करने और पुराने मुकदमों के निस्तारण हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त करने का आश्वासन दिया है.

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प्रतीकात्मक फोटो. (Meta AI)
प्रतीकात्मक फोटो. (Meta AI)

राजस्थान के भरतपुर जिले में रविवार को आरक्षण समेत अन्य मांगों को लेकर हुए गुर्जर महापंचायत के बाद कुछ प्रदर्शनकारियों ने मथुरा-स्वाईमाधोपुर पैसेंजर ट्रेन को रोककर मुंबई-दिल्ली रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन किया. यह महापंचायत पीलूपुरा के करवारी शहीद स्मारक पर 'गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति' द्वारा आयोजित की गई थी. समिति के अध्यक्ष विजय बैसला ने सरकार द्वारा दिए गए जवाब का ड्राफ्ट महापंचायत में पढ़कर सुनाया.

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हालांकि सरकार के जवाब से कुछ लोग असंतुष्ट दिखे और उन्होंने फतेहसिंहपुरा के पास रेल ट्रैक पर बैठकर विरोध जताया. ट्रेन लगभग डेढ़ घंटे रुकी रही. रेलवे सुरक्षा बल, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से बातचीत करते रहे.

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वहीं, दिवंगत गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला के बेटे विजय बैसला ने कहा कि प्रमुख मांगों पर सरकार की प्रतिक्रिया संतोषजनक रही है. बैसला ने बताया कि सरकार ने 5 प्रतिशत आरक्षण को संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव कैबिनेट से पास कर केंद्र को भेजने का वादा किया है, जो समुदाय की मुख्य मांग थी.

इसके अलावा उन्होंने बताया कि गुर्जर आंदोलनों के दौरान लगे पुराने मुकदमों के निस्तारण हेतु प्रत्येक ज़िले में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की भी सहमति दी गई है. इससे पहले दिन में समिति ने सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि दोपहर तक जवाब दिया जाए, अन्यथा आंदोलन तेज किया जाएगा. राज्य के गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है.

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प्रदर्शन के चलते भरतपुर के बयाना से करौली के हिंडौन तक यातायात बाधित हुआ और रूट डायवर्ट किए गए. क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे. कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला के नेतृत्व में वर्ष 2006 से कई बार गुर्जर समुदाय ने आरक्षण की मांग पर बड़े आंदोलन किए हैं और रेलवे ट्रैकों पर लंबा धरना दिया है. इस बार सरकार से संवाद में सकारात्मकता दिखी और फिलहाल ट्रैक खाली कर दिए गए हैं.

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