म्यांमार(Myanmar) दक्षिण पूर्व एशिया का एक प्रमुख देश है. इसे पहले बर्मा के नाम से जाना जाता था. यह भारत, बांग्लादेश, चीन, लाओस और थाईलैंड से घिरा हुआ है. इसकी राजधानी नाएप्यीडॉ है. सबसे बड़ा शहर और आर्थिक केंद्र यांगून (रंगून) है.
म्यांमार का इतिहास कई राजवंशों, ब्रिटिश उपनिवेशवाद, स्वतंत्रता संग्राम और सैन्य शासन से भरा हुआ है. यहां बगान साम्राज्य (9वीं-13वीं सदी) की स्थापना हुई, जो बौद्ध संस्कृति का केंद्र रहा. 9वीं सदी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसे अपने कब्जे में ले लिया और 1886 में इसे ब्रिटिश भारत का हिस्सा बना दिया. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1948 में इसे स्वतंत्रता मिली. वहीं 1962 में तख्तापलट के बाद देश पर सेना का शासन रहा. 2011 में लोकतांत्रिक सुधार शुरू हुए, लेकिन 2021 में फिर से सैन्य तख्तापलट हुआ.
म्यांमार प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है. यहां चावल, तेल, प्राकृतिक गैस, कीमती पत्थर (जैसे जेड) और लकड़ी का व्यापार होता है. कृषि मुख्य व्यवसाय है. पर्यटन भी विकसित हो रहा है.
म्यांमार की संस्कृति मुख्यतः बौद्ध धर्म पर आधारित है. यहां पगोडा (बौद्ध मंदिर), पारंपरिक बर्मी नृत्य और संगीत प्रसिद्ध हैं. बहुसंख्यक बर्मी (बामर) जातीय समूह के अलावा, कई अन्य जातीय समूह भी यहां निवास करते हैं, जिनमें करेन, शान, रोहिंग्या और कचिन प्रमुख हैं.
म्यांमार में 28 मार्च को रिक्टर पैमाने पर 7.7 तीव्रता का भूकंप का झटका महसूस किया गया था. भूकंप में 3700 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 12 देशों के नागरिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाला आदेश लागू कर दिया था, और ये फैसला यूरोपीय समय के मुताबिक सोमवार से लागू हो रहा है. यह कदम "विदेशी आतंकवादियों" से देश की सुरक्षा के लिए उठाया गया है.
बांग्लादेश आर्मी के बड़े अफसर नाजिम उद दौला ने यह भी अपील की कि इस मुद्दे पर सेना और सरकार को टकराव के नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "हमें यह नहीं मान लेना चाहिए कि सरकार और सेना संघर्ष में काम कर रही हैं या अलग-अलग सोच रही हैं. ऐसा नहीं है. सरकार और सेना एक साथ काम कर रही हैं, और हमारा दृढ़ विश्वास है कि यह सहयोग भविष्य में भी जारी रहेगा."
म्यांमार के क्याक्से के पास 5.4 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया. अफगानिस्तान में भी 4.2 तीव्रता का भूकंप महसूस हुआ, जिसमें कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ. चीन में शुक्रवार को 4.5 तीव्रता का भूकंप आया था.
रक्षा जनसंपर्क विभाग के बयान में कहा गया कि बुधवार को भारत-म्यांमार सीमा पर चंदेल जिले के न्यू समतल गांव के पास असम राइफल्स की एक इकाई के साथ मुठभेड़ में कम से कम 10 उग्रवादी मारे गए. तलाशी अभियानों के दौरान भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ है.
पड़ोसियों से तनाव के बीच भारत से रोहिंग्याओं का भी डिपोर्टेशन शुरू हो चुका. इस बीच सुप्रीम कोर्ट में एक रिट आई है, जिसमें याचिकाकर्ता ने जबरन म्यांमार भेजे गए अवैध शरणार्थियों को बुलाने और उन्हें मुआवजा देकर बसाने की मांग की. लेकिन क्या अवैध रूप से देश में प्रवेश करने वाले भी देश के आम नागरिकों की तरह कोर्ट में इंसाफ मांग सकते हैं?
सुप्रीम कोर्ट में दायर नई रिट याचिका में याचिकाकर्ता ने दावा किया कि पुलिस ने 43 रोहिंग्या शरणार्थियों को गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद भारत सरकार ने उन्हें जबरन पोर्ट ब्लेयर के रास्ते म्यांमार भेज दिया. याचिकाकर्ता ने मांग की है कि रोहिंग्याओं को वापस बुलाकर सम्मान, 50 लाख रुपये मुआवजा और भारत में रहने का परमिट दिया जाए.
म्यांमार में 7.7 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई, जिसमें 1600 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और हजारों लोग घायल हैं। कई इमारतें मलबे में तब्दील हो गईं, सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे कई इलाके संपर्क से कट गए। बचाव कार्य जारी है, और भारत सहित कई देशों ने मदद का हाथ बढ़ाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार को राहत सामग्री भेजने का ऐलान किया।
भारतीय वायु सेना ने म्यांमार में चल रही राहत अभियानों के दौरान GPS स्पूफिंग से जुड़ी इंडिया टुडे की खबर की पुष्टि की है. वायु सेना ने बताया कि सभी अभियानों को सुरक्षित रूप से पूरा किया गया था और इसके लिए आवश्यक सभी एहतियातें अपनाई गई थीं.
GPS स्पूफिंग एक प्रकार का साइबर अटैक होता है, जिसमें नकली सैटेलाइट सिग्नल भेजकर असली सिग्नल को ओवरराइड कर दिया जाता है, जिससे नेविगेशन सिस्टम को गलत लोकेशन मिलती है. ऐसे GPS स्पूफिंग हमले भारत-पाकिस्तान सीमा के पास भी पहले देखे जा चुके हैं. नवंबर 2023 से अब तक अमृतसर और जम्मू क्षेत्रों में ऐसे 465 मामले दर्ज किए जा चुके हैं.
म्यांमार में भूकंप की तबाही के बाद राहत और बचाव का कार्य जारी है. भारत ने भी म्यामार की मदद के लिए राहत सामिग्री के साथ ही एक टीम भी म्यांमार भेजी है. जो वहां ऑपरेशन चला रही है. इंडियन आर्मी रोबोट और ड्रोन से ऐसे चलाया जा रहा सर्च ऑपरेशन
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, 'हम दुनिया की सरकार नहीं हैं. ना ही, हम हर किसी की तरह मानवीय सहायता प्रदान करेंगे और हम इसे बेहतर तरीके से करेंगे. लेकिन हमारी अन्य जरूरतें भी हैं, जिनके साथ हमें संतुलन बनाना है. हम मानवीय सहायता से पीछे नहीं हट रहे हैं.'
28 मार्च को म्यांमार में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था, जिसमें अब तक 3,100 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है. भूकंप का केंद्र मंडाले के पास बताया गया है. भारत ने तत्काल राहत पहुंचाने की पहल करते हुए ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ की शुरुआत की, जिसके तहत खोज और बचाव (SAR), मानवीय सहायता, आपदा राहत और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर थाईलैंड पहुंच गए हैं. शुक्रवार को छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे. इस सम्मेलन में थाईलैंड, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, म्यांमार और भूटान के नेता हिस्सा ले रहे हैं.
पांच दिन होटल के मलबे में दबे टीचर माउंग एक बेड के नीचे जिंदा रहने के लिए संघर्ष कर रहे थे. भूकंप के समय दो चीजों ने उनकी मदद कि एक स्कूल की पढ़ाई और दूसरा खुद का टॉयलेट. जब 7.7 तीव्रता का भूकंप आया, तब प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर टिन माउंग हटवे भूकंप के केंद्र के सबसे नजदीक सागाइंग में थे.
म्यांमार के बाद अब जापान में भूकंप के जबर्दस्त झटके महसूस किए गए हैं. जापान के क्यूशू क्षेत्र में भारतीय समयानुसार शाम 7:34 बजे 6.0 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार इस भूकंप का केंद्र क्यूशू द्वीप पर स्थित था.
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बीते शुक्रवार को म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप में हजारों लोग मारे गए है. सबसे ज्यादा तबाही म्यांमार में हुई है और अब भी सैकड़ों लोग गायब हैं. माना जा रहा है कि वो इमारतों के मलबे में दबे हैं. बीतते समय के साथ उनके जिंदा बच निकलने की संभावना भी कम होती जा रही है. इसी बीच बुधवार को एक शख्स को मलबे के अंदर से निकाला गया है.
भारत ने सार्क को पीछे छोड़ते हुए अब अपना फोकस बिम्सटेक की तरफ मोड़ लिया है. सार्क सदस्यों में पाकिस्तान के शामिल होने की वजह से लगातार बाधाएं पैदा होती थीं और साल 2016 में उरी हमले के बाद सार्क का कोई भी सम्मेलन आयोजित नहीं हुआ है. ऐसे में अब सार्क को एक तरह से निष्क्रिय मंच माना जा रहा है.
म्यांमार में एक बार फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. मंगलवार 1 अप्रैल को दो भूकंप आए, जिनमें से सबसे शक्तिशाली भूकंप की तीव्रता 4.7 मापी गई. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के अनुसार, पहला भूकंप मंगलवार दोपहर को आया,एनसीएस के मुताबिक, पहले भूकंप की तीव्रता 4.7 मापी गई, जो भारतीय समयानुसार शाम को 4 बजकर 31 मिनट पर आया.
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