कांग्रेस का फोकस संगठन पर है. गुजरात के बाद मध्य प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में संगठन मजबूत करने के लिए कांग्रेस जहां संगठन सृजन अभियान चला रही है, वहीं उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी संगठनात्मक नियुक्तियां होने लगी हैं. 31 मई को कांग्रेस नेतृत्व ने ओबीसी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष पद पर नई नियुक्ति की थी. इसे लेकर अब यूपी कांग्रेस में ही सियासी लड़ाई छिड़ गई है.
कांग्रेस आलाकमान के कुछ फैसलों से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय बहुत नाराज बताए जा रहे हैं. यूपी कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक आलाकमान जिस तरह से प्रदेश नेतृत्व से मशविरा किए बिना नियुक्तियों को लेकर फैसले ले रहा है, अजय राय उससे बेहद नाराज हैं. ताजा मामला मनोज यादव की नियुक्ति से जुड़ा है.
कांग्रेस के ओबीसी विभाग के प्रभारी मनोज यादव को प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने 27 फरवरी को पद से हटा दिया था. इस संबंध में प्रदेश नेतृ्त्व की ओर से चिट्ठी भी जारी की गई थी. कांग्रेस आलाकमान ने 31 मई को ओबीसी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष पद पर दोबारा मनोज यादव की ही नियुक्ति कर दी.
मनोज यादव की दोबारा ओबीसी प्रकोष्ठ अध्यक्ष पद पर नियुक्ति से पहले प्रदेश नेतृत्व, प्रदेश अध्यक्ष से किसी तरह का कोई मशविरा नहीं किया गया. शीर्ष नेतृत्व के इस फैसले से प्रदेश अध्यक्ष अजय राय खफा हैं. यूपी के कई जिलों में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी चल रही है. इस प्रक्रिया में भी अजय राय से कोई राय नहीं ली जा रही है.
मनोज यादव की दोबारा ओबीसी प्रकोष्ठ अध्यक्ष पद पर की गई नियुक्ति को प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के लिए सख्त संदेश भी माना जा रहा है. यह संदेश है कि मनोज यादव आलाकमान की पसंद हैं और आलाकमान के फैसलों पर सवाल उठाने वालों को दोबारा सोचना होगा. अजय राय इस फैसले से इतने खफा बताए जा रहे हैं कि अब आलाकमान से भी दो-दो हाथ करने को तैयार हैं.
यह भी पढ़ें: गुटबाजी की बात राहुल गांधी ऐसे ही नहीं कह रहे... जान लीजिए मध्य प्रदेश में पार्टी के जमीनी हालात
सूत्रों की मानें तो अजय राय को लगता है कि जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में भी उनकी नहीं चल रही. मनोज यादव की नियुक्ति के मुद्दे पर तो चर्चा अजय राय के इस्तीफा देने तक की हो रही है. हालांकि, अजय राय ने इस्तीफा देने की बात का खंडन किया है. चर्चा यूपी कांग्रेस में बड़े फेरबदल की तैयारियों को लेकर भी है.
यह भी पढ़ें: 'कांग्रेस गाजा बन गई है, और राहुल गांधी इजरायल', घोड़ों वाले बयान पर भड़के संजय निरुपम का विपक्ष के नेता पर वार
फिलहाल यूपी कांग्रेस का नेतृत्व देखें तो राहुल गांधी के दलित-ओबीसी फॉर्मूले में फिट नहीं बैठ रहा है. अभी कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और यूपी विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ब्राह्मण हैं. वहीं, प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भूमिहार हैं. यूपी कांग्रेस के इन तीन शीर्ष पदों पर सामान्य वर्ग से आने वाले नेता काबिज हैं.
यह भी पढ़ें: 'सिन्दूर का बदला खून...', अमेरिका में 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर की दो टूक
इस बात की चर्चा तेज है कि जल्द ही प्रदेश कांग्रेस में बड़ा फेरबदल होगा और उसमें राहुल गांधी के फॉर्मूले के मुताबिक दलित, ओबीसी और मुस्लिम चेहरे उच्च पदों पर दिखाई दे सकते हैं. अजय राय की इमेज भी कांग्रेस के जुझारू, लड़ने-भिड़ने वाले प्रदेश अध्यक्ष की है. ऐसे में, प्रदेश अध्यक्ष रहते अजय राय आलाकमान का हर फैसला मान लेंगे, इसकी उम्मीद नहीं के बराबर ही है. यही वजह है कि ओबीसी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष पद पर मनोज यादव की दोबारा नियुक्ति के बाद प्रदेश और शीर्ष नेतृत्व के बीच टकराव की स्थिति बनती दिखाई दे रही है.