केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं. रविवार को राजधानी कोलकाता में आयोजित बीजेपी के 'विजय संकल्प कार्यकर्ता सम्मेलन' में शाह शामिल हुए.
अमित शाह ने कहा, मुझे बताया गया है कि बंगाल में हिंदू शरणार्थियों को नोटिस भेजे जा रहे हैं. जिसमें उन्हें कहा गया है कि उनका नाम वोटर लिस्ट से हटाया जा सकता है. ऐसे शरणार्थियों को घबराने की जरूरत नहीं है. बस नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का आवेदन करें और हम सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाए.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में CAA लगाया गया ताकि हमारे शरणार्थियों को वोट देने का अधिकार मिले. साथ ही भारतीय नागरिक के रूप में उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए लागू किया गया था.
अमित शाह ने कहा, 'बंगाल ने भारत का नेतृत्व करा और वो ही बंगाल में कई सालों तक कम्युनिस्टों का शासन रहा और उसके बाद. मां, माटी, मानुष का नारा देकर ममता दीदी आई और उन्होंने ये महान भंग भूमि को आज घुसपैठ, भ्रष्टाचार, स्त्रियों पर अत्याचार. अपराध बम धमाके और हिन्दुओं के साथ दुराचार का केंद्र बनाकर रख दिया है. दुराचार का केंद्र बना.
उन्होंने कहा कि यही बंगाल में चुनावी हिंसा सेशन के बाद जब टीआर सेशन सीईसी बने उसके बाद पूरे देश में चुनावी हिंसा बंद हो गई. मगर ये बंगाल है जिसमें चुनाव के वक्त और दीदी को विजय मिलने के बाद सैकड़ों भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया जाता है. दीदी कब तक बचाओगी उनको मेरी बात सुन लो आपका समय अब समाप्त हो गया है 26 में.
अमित शाह बोले- 26 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने वाली है और मैं सारे हजारों की संख्या में बैठे हुए मेरे मंडल के पदाधिकारियों को ये वादा करना चाहता हूं कि टीएमसी की सरकार जाते ही हमारे कार्यकर्ताओं के हत्या के अपराधियों को जमीन में गाढ़ा है तो भी बाहर निकालकर सजा करने का काम करें. लोकतंत्र के अंदर हिंसा कभी शोभा नहीं देती है.
उन्होंने कहा, हिम्मत हो तो हिंसा के बगैर चुनाव कराकर देखो आपकी खुद की जमानत जब्त हो जाएगी. ये बंगाल की जनता जब्त कर लेगी और भाइयों बहनों वोट बैंक के तुष्टीकरण ने वोट बैंक के लिए पतन की सीमा ये ममता बेनर्जी ने पार कर दी है.
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अमित शाह बोले- अभी कुछ दिन पहले पहलगाम में पाकिस्तान प्रेरित आतंकवादियों ने हमारे निर्दोष नागरिक को यात्रियों को धर्म पूछ पूछकर परिवार के सामने मार दिया. मुझे बताओ बंगाल वालो वो पाक प्रेरित आतंकवादियों को सजा देनी चाहिए या नहीं देनी चाहिए?
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर किया, हमने सर्जिकल स्ट्राइक करी, एयर स्ट्राइक की और अब ऑपरेशन सिंदूर कर कर 100 किलोमीटर अंदर जाकर उनके हेडक्वार्टर को ध्वस्त कर दिया है. सैकड़ों आतंकवादी मौत के घाट उतार दिए गए हैं और दीदी के पेट में दर्द होता है इतना दर्द बंगाल का यात्री जब वहां मारे गए तब किया होता तो ठीक ठाक उस वक्त कुछ नहीं बोला और प्रधानमंत्री मोदी ऑपरेशन सिंदूर करके यहां आए तो घटिया सा राजनीतिक बयान देकर ऑपरेशन सिंदूर का विरोध किया. मैं आज ममता दीदी को कहने आया हूं आपने ऑपरेशन सिंदूर का विरोध नहीं किया आपने?
अमित शाह बोले- इस देश की करोड़ों माताओं बहनों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है और मैं बंगाल की मातृ शक्ति को भी अपील करने आया हूं आने वाले चुनाव में ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाने वाली ममता को सिंदूर की कीमत बंगाल की माताएं बहने ज़रा समझा दे. सिंदूर का अपमान करने का क्या मतलब होता है?
उन्होंने कहा, 1990 से ये देश आतंकवाद झेलता है, 40,000 से ज्यादा लोग आतंकवाद की भेंट चढ़ गए. ये कांग्रेस की सरकारों, यूपीए की सरकारों, इंडिया लाइन्स की सरकारों जिसमें ममता बेनर्जी भी मंत्री जी कुछ नहीं करती थीं. नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद गोली का जवाब? गोले से देने की शुरुआत नरेंद्र मोदी और ममता आप जितना पक्ष लेना है उतना आतंकवादियों का पक्ष ले लो, मैं बताकर जाता हूं. ये नरेंद्र मोदी सरकार है, ये भारतीय जनता पार्टी की सरकार है.
अमित शाह बोले- ऑपरेशन सिंदूर समाप्त नहीं हुआ है, अब कोई भी कोई भी हिमाकत करेगा. तो उसको उतनी ही मजबूती के साथ जवाब देने का काम नरेंद्र मोदी करेंगे. मैं आज ऑपरेशन सिन्दूर में हमारी बहादुर सेना बीएसएफ ने जो वीरता बताई वो सभी बीएसएफ कर्मी और सेना के जवानों को दो हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूं.
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उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बंगाल के विकास के लिए मोदी ने ढेर सारा काम किया है, परंतु विकास के साथ-साथ बंगाल की संस्कृति को भी नहीं भूले. सालों से बंगाल वासियों की मांग थी कि हम बंगाल को क्लासिकल लैंगुएज का स्टेटस दें. आज मैं ममता दीदी को पूछने आया हूं, 10 साल तक आप केंद्र में मंत्री थी या आपका समर्थन था? बंगाली भाषा को क्लासिकल लैंगुएज का स्टेटस क्यों नहीं दिया? प्रधानमंत्री मोदी ने बंगाली भाषा को क्लासिकल लैंगुएज का स्टेटस देने का काम कर दिया. इसके लिए धन्यवाद करने का भी शिष्टाचार नहीं आता.