भारत ने अंडमान सागर से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के विस्तारित रेंज (Extended Range) वाले संस्करण का सफल परीक्षण किया. इस परीक्षण में मिसाइल ने बिना वारहेड के वर्टिकल स्टीप डाइव (90 डिग्री कोण पर गोता) मोड में लक्ष्य को सटीकता से भेदा. यह उपलब्धि भारत की रक्षा क्षमता को और मजबूत करती है, खासकर पहाड़ी इलाकों और छिपे हुए ठिकानों को निशाना बनाने में. इस मिसाइल ने इसी तरह से पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को बर्बाद किया था.
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ब्रह्मोस मिसाइल क्या है?
ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूस ने मिलकर बनाया है. 1998 में स्थापित ब्रह्मोस एयरोस्पेस इस परियोजना का नेतृत्व करता है. इसका पहला परीक्षण 2001 में हुआ था. तब से यह भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना में शामिल हो चुकी है.
ब्रह्मोस का डिज़ाइन रूस की P-800 ओनिक्स मिसाइल पर आधारित है, लेकिन इसमें भारतीय तकनीक और मार्गदर्शन प्रणाली शामिल की गई है. यह मिसाइल अपनी तेज गति और सटीकता के कारण दुश्मन के रक्षा तंत्र को भेदने में सक्षम है.
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वर्टिकल स्टीप डाइव मोड क्या है?
वर्टिकल स्टीप डाइव मोड ब्रह्मोस की एक खास क्षमता है, जिसमें मिसाइल लगभग 90 डिग्री के कोण पर लक्ष्य की ओर गोता लगाती है. यह तकनीक इसे पहाड़ी इलाकों, गुफाओं और छिपे हुए ठिकानों को निशाना बनाने में सक्षम बनाती है. सामान्य क्रूज मिसाइलें समतल या कम कोण पर उड़ती हैं, लेकिन स्टीप डाइव मोड में मिसाइल ऊपर से सीधे लक्ष्य पर हमला करती है, जिससे बचाव मुश्किल हो जाता है.
5 सितंबर 2010 को ब्रह्मोस ने पहली बार सुपरसोनिक गति में स्टीप-डाइव मोड का विश्व रिकॉर्ड बनाया था. तब से इसकी क्षमता को और उन्नत किया गया है. अब यह 90 डिग्री तक गोता लगा सकती है. हाल के परीक्षण में, अंडमान सागर से लॉन्च की गई मिसाइल ने बिना वारहेड के लक्ष्य को सटीकता से भेदा, जो इसकी उन्नत मार्गदर्शन प्रणाली और सटीकता को दर्शाता है.
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टेस्ट का महत्व
अंडमान सागर में टेस्ट क्यों?
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारत का एक रणनीतिक क्षेत्र है, जो हिंद महासागर में महत्वपूर्ण है. यहां लंबी दूरी का टेस्ट रेंज उपलब्ध है, जो मुख्य भूमि पर सीमित है. 2014 और 2022 में भी अंडमान सागर से ब्रह्मोस का टेस्ट किया गया, जिसमें इसने 290 किमी की दूरी पर लक्ष्य को सटीकता से नष्ट किया. इस बार बिना वारहेड के टेस्ट ने मिसाइल की सटीकता और विश्वसनीयता को फिर से साबित किया.
रणनीतिक महत्व
भविष्य की योजनाएं
90-डिग्री स्टीप डाइव: ब्रह्मोस जल्द ही 90-डिग्री स्टीप डाइव क्षमता हासिल कर लेगी, जो इसे और घातक बनाएगी.
ब्रह्मोस-एनजी और ब्रह्मोस-II: हाइपरसोनिक ब्रह्मोस-II (मैक 7-8) और हल्की ब्रह्मोस-एनजी का विकास जारी है, जो तेजस जैसे हल्के लड़ाकू विमानों से लॉन्च की जा सकेगी.
निर्यात की संभावना: भारत वियतनाम, यूएई और अन्य देशों को ब्रह्मोस निर्यात करने की योजना बना रहा है.