ब्रह्मोस मिसाइल
ब्रह्मोस (BrahMos) एक मध्यम दूरी की रैमजेट सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है (Medium-range Ramjet Supersonic Cruise Missile) जिसे पनडुब्बी, जहाजों, विमानों या जमीन से लॉन्च किया जा सकता है. यह दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है (Fastest Supersonic Cruise Missile in the World). इसका निर्माण भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूसी संघ के NPO Mashinostroyeniya के बीच एक संयुक्त उद्यम, ब्रह्मोस एयरोस्पेस के तहत होता है (BrahMos Aerospace). यह रूसी P-800 ओनिक्स क्रूज मिसाइल तकनीक पर आधारित है. ब्रह्मोस नाम दो नदियों, भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा के नामों पर रखा गया है (BrahMos named After Brahmaputra and Moskva).
यह दुनिया की सबसे तेज जहाज-रोधी क्रूज मिसाइल है जिसका उपयोग किया जा रहा है (World's Fastest Anti-ship Cruise Missile). मिसाइल का एक हाइपरसोनिक संस्करण, मैक 7-8 की गति वाली ब्रह्मोस-2 पर अनुसंधान जारी है. इसके 2024 तक परीक्षण के लिए तैयार होने की उम्मीद है.
2016 में भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (MTCR) का सदस्य बन गया. 2019 में, भारत ने मिसाइल को 650 किमी की एक नई रेंज के साथ अपग्रेड किया. 24 नवंबर 2020 को, DRDO ने उन्नत 800 किमी ब्रह्मोस संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया.
भारत और रूस की अगले दस वर्षों में संयुक्त उद्यम कंपनी के माध्यम से 2,000 ब्रह्मोस मिसाइल बनाने की योजना है, उनमें से लगभग 50% मित्र देशों को निर्यात किए जाने की उम्मीद है. ब्रह्मोस मुख्यालय परिसर नई दिल्ली में स्थित है (Brahmos Headquarters Complex is Located at New Delhi). इसका एकीकरण परिसर हैदराबाद में और एक उत्पादन केंद्र तिरुवनंतपुरम में स्थित है (Production Centre is Located at Thiruvananthapuram).
ब्रह्मोस ब्लॉक I को 21 जून 2007 को भारतीय सेना में शामिल किया गया था. ब्रह्मोस को भारतीय सेना की तीन रेजीमेंटों में शामिल किया गया है. भारत ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी आक्रमण को रोकने के लिए क्रूज मिसाइल निर्भय और आकाश के साथ ब्रह्मोस को भी तैनात किया है. अप्रैल 2013 तक, ब्रह्मोस को भारतीय नौसेना के आठ युद्धपोतों में शामिल किया जा चुका है (BrahMos in Indian Army).
अक्टूबर 2019 में, फिलीपीन सेना को संभावित ब्रह्मोस मिसाइल बिक्री के लिए भारत के साथ चर्चा करने की सूचना मिली थी. 21 जनवरी, 2022 को, फिलीपीन सेना ने फिलीपींस आधुनिकीकरण कार्यक्रम (RAFPMP) के तहत दो ब्रह्मोस मध्यम दूरी की मिसाइल रक्षा प्रणालियों की खरीद की योजना की घोषणा की (Philippine Army Purchases BrahMos).
शहबाज शरीफ ने पहले सीमा पर तनाव के दौरान रावलपिंडी समेत पाकिस्तानी धरती पर भारतीय हमलों की पुष्टि की थी. उन्होंने कुबूल किया कि भारत ने अपनी ब्रह्मोस मिसाइल दागी, जिसने रावलपिंडी के हवाई अड्डे समेत पाकिस्तान के कई प्रांतों को निशाना बनाया.
6 मई 2025 को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया. 100+ आतंकी मारे गए, 11 पाकिस्तानी एयरबेस तबाह हुए. राफेल, ब्रह्मोस और S-400 का इस्तेमाल हुआ. पाकिस्तान के 40 नागरिक और 11 सैनिक मरे. यह आतंकवाद के खिलाफ भारत की सटीक कार्रवाई थी.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के एयरस्पेस का विनाश करने वाले ब्रह्मोस मिसाइल दुनिया की सबसे घातक सुपरसोनिक मिसाइलों में से एक बन गए हैं.भारत अब अपनी अगली पीढ़ी की हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस-2 के डेवलपमेंट में तेजी लाने के लिए तैयार है.
ब्रह्मोस-II परियोजना का कॉन्सेप्ट लगभग एक दशक पहले ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा लाया गया था. लेकिन इस प्रोजेक्ट को पहले कई बाधाओं का सामना करना पड़ा था. रूस कुछ बंदिशों की वजह से इस मिसाइल की तकनीक भारत के साथ साझा नहीं करना चाहता था. इसके अलावा इसमें खर्चा भी बहुत ज्यादा आ रहा था. लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने इन बाधाओं को पार करने का निश्चय किया है.
हाल ही में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था. इसके बाद से ब्रह्मोस मिसाइल की काफी चर्चा हो रही है, जो भारत के ऑपरेशन में शामिल रही थी. ऐसे में जानते हैं कि आखिर ये ब्रह्मोस मिसाइल कौन ऑपर
इस बीच, हम आपको एक ऐसे शेयर के बारे में बताने जा रहा हैं, जिसका कनेक्शन BrahMos मिसाइल से है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद इस कंपनी के शेयर ने तूफानी तेजी दिखाई है. तीन महीने में इसने निवेशकों का पैसा डबल किया है.
भारत अपने स्वदेशी कावेरी जेट इंजन का परीक्षण रूस में कर रहा है; यह इंजन लड़ाकू मानवरहित विमान (यूसीएवी) में लगाया जाएगा और इसका पच्चीस घंटे का परीक्षण अभी बाकी है. सरकार ने पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) परियोजना को भी मंजूरी दी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर डेनिस अलिपोव ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि दुनिया में कहीं भी कोई ऐसा व्यक्ति है जो प्रधानमंत्री मोदी की साख पर संदेह करता हो. उनका मजबूत नेतृत्व देश को वैश्विक स्तर पर प्रमुखता दिला रहा है.
ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने भोलारी एयरबेस पर ब्रह्मोस मिसाइल से किया गया हमला भारत की सैन्य ताकत और तकनीकी श्रेष्ठता का प्रतीक है. साब 2000 AWACS और 3-4 पश्चिमी लड़ाकू विमानों का नष्ट होना पाकिस्तानी वायुसेना के लिए करारा झटका है. स्वदेशी ड्रोन और सैटेलाइट्स ने हमलों के पुख्ता सबूत दिए.
यूरोपीय थिंक टैंक की रिपोर्ट ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए IAF की रणनीतिक और तकनीकी श्रेष्ठता दिखाई है. ब्रह्मोस और स्कैल्प मिसाइलों के साथ-साथ स्वदेशी रक्षा प्रणालियों ने भारत की ताकत को साबित किया. पाकिस्तान की भौगोलिक और तकनीकी सीमाओं ने उसे कमजोर बनाया, जबकि भारत की गहराई और उन्नत हथियारों ने उसे मजबूत स्थिति दी.
अंडमान सागर से BrahMos के विस्तारित रेंज (Extended Range) संस्करण का परीक्षण किया गया, जिसमें इसने बिना वॉरहेड के वर्टिकल स्टीप डाइव मोड में लक्ष्य को सटीकता से भेदा. यह क्षमता इसे पहाड़ी इलाकों और छिपे हुए ठिकानों को निशाना बनाने में सक्षम बनाती है.
अंडमान और निकोबार में 23-24 मई को होने वाला मिसाइल टेस्ट भारत की सैन्य ताकत का एक और प्रदर्शन है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह टेस्ट भारत की ‘शस्त्रों की रणनीति’ को दिखाता है. अगर यह ब्रह्मोस मिसाइल का टेस्ट है, तो यह भारत की ताकत को और मजबूत करेगा.
ब्रह्मोस मिसाइल अपनी रफ्तार, सटीकता, रेंज, चकमा देने की क्षमता और 'फायर एंड फॉरगेट' सिस्टम की वजह से भारत का 'ब्रह्मास्त्र' बन गया है. ऑपरेशन सिंदूर में इसने पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है.
DRDO एक ऐसा मिसाइल बना चुका है जो पूरी तरह स्वदेशी है. ये ब्रह्मोस की जगह ले सकती है. यह समुद्र या सतह से बेहद कम ऊंचाई पर उड़ने में सक्षम होगी. कम ऊंचाई की वजह से यह रडार की पकड़ में नहीं आएगा. साथ ही इस पर हमला करना मुश्किल होगा.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का रडार सिस्टम 23 मिनट तक डिजिटल डार्कनेस में रहा. यानी कि उसे कुछ पता नहीं था कि हो क्या रहा है. इस दौरान उसका डिफेंस सिस्टम गुमराह हो गया और फर्जी टारगेट ट्रैक करने लगा. ये संभव हुआ भारत की ओर से किए गए रडार जैमिंग की वजह से. रडार को को जाम करने का मतलब है इसके इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिग्नल को दबाना या धोखा देकर किसी वस्तु को डिटैक्ट, ट्रैक करने या निशाना बनाने की इसकी क्षमता को बाधित करना.
भारत के पूर्व राष्ट्रपति और 'मिसाइल मैन' के रूप में प्रसिद्ध डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने ब्रह्मोस मिसाइल के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के प्रमुख रहते हुए उन्होंने भारत और रूस के बीच सरकारी स्तर की साझेदारी का नेतृत्व किया. यह ऐतिहासिक समझौता 1998 में मॉस्को में डॉ. कलाम और रूस के उप रक्षा मंत्री एनवी मिखाइलोव के बीच हुआ, जिसके बाद ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना हुई.
ऑपरेशन सिंदूर में 15 ब्रह्मोस मिसाइलों ने पाकिस्तान के 13 में से 11 एयरबेस नष्ट कर दिए. भारत ने कहा, 'हम घर में घुसकर मारेंगे और बचने का एक मौका तक नहीं देंगे.' इस सफलता के बाद फिलीपींस, वियतनाम और मलेशिया समेत कई देश इस मेक इन इंडिया मिसाइल को खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं.
भारत सरकार का कहना है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' उसका 'न्यू नॉर्मल' है और यह अभी खत्म नहीं हुआ है. इस बीच, भारत की ब्रह्मोस मिसाइल की सफलता ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान खींचा है. इसके अलावा, पाकिस्तान का समर्थन करने पर भारत ने तुर्की के विरुद्ध भी आर्थिक बहिष्कार जैसे कदम उठाए हैं. देखें खबरदार.
भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत 9 और 10 मई की रात को स्वदेशी ब्रह्मोस मिसाइलों का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान के 11 एयरबेस को निशाना बनाया, जिससे पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने और कमांड कंट्रोल सेंटर तबाह हो गए. इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी सेना घुटनों पर आ गई और संघर्ष विराम के लिए गिड़गिड़ाने लगी. देखें विशेष.
भारत ने 9 और 10 मई को 15 से ज़्यादा ब्रह्मोस मिसाइलों का इस्तेमाल कर पाकिस्तान के 13 में से 11 एयरबेस को तबाह कर दिया. इस कार्रवाई में स्वदेशी हथियारों की क्षमता का प्रदर्शन हुआ, जिसमें ब्रह्मोस मिसाइल की भूमिका अहम रही. ऑपरेशन सिंदूर ने ब्रह्मोस की मारक क्षमता को साबित किया और इस सफलता ने भारत की आत्मनिर्भर रक्षा क्षमताओं पर विश्वास बढ़ाया.
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़े खुलासे हो रहे हैं. भारत ने पाकिस्तान पर 15 ब्रह्मोस मिसाइलें दागी थीं. सूत्रों के मुताबिक, भारत ने पाकिस्तान के एयरबेस पर हमला करने के लिए 15 ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया. भारत ने पहले एयर डिफेंस सिस्टम को ठप किया फिर ब्रह्मोस का इस्तेमाल किया. देखें वीडियो.