6 जून 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज से ठीक एक महीने पहले, 6 मई की रात पाकिस्तान के आतंकियों पर कयामत बरसी थी. अब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम सुनते ही पाकिस्तान को अपनी शर्मनाक हार याद आएगी. यह ऑपरेशन भारत की सैन्य ताकत और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का प्रतीक है. आइए, ऑपरेशन सिंदूर की पूरी कहानी, पाकिस्तान के नुकसान और दर्द से छटपटा रहे दुश्मन की कहानी...
पाकिस्तान का पानी रोका
भारत ने 23 अप्रैल 2025 को सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया. यह संधि 1960 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुई थी, जिसमें सिंधु नदी के पानी का बंटवारा हुआ था. पहलगाम हमले के बाद भारत ने यह कदम उठाया, क्योंकि पाकिस्तान को 80% पानी मिलता था. इससे पाकिस्तान में पानी की कमी होने लगी.
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ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत: क्यों और कब?
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 नागरिकों (25 भारतीय और 1 नेपाली) की हत्या कर दी. इस हमले में आतंकियों ने हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया. भारत ने इस हमले का जिम्मेदार लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के साथ द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) को ठहराया. भारत ने कहा कि ये आतंकी पाकिस्तान के समर्थन से काम करते हैं, जिसे इस्लामाबाद ने नकारा.
इस हमले के जवाब में भारत ने 6-7 मई 2025 की रात 1:05 से 1:30 बजे तक ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. इसका नाम सिंदूर इसलिए रखा गया, क्योंकि यह उन विधवा महिलाओं के लिए न्याय की लड़ाई थी, जिनके पतियों को पहलगाम में मारा गया था. यह ऑपरेशन 2016 सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद तीसरा बड़ा हमला था.
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ऑपरेशन सिंदूर: कैसे हुआ हमला?
भारतीय सशस्त्र बलों ने त्रि-सेवा अभियान (थलसेना, वायुसेना, नौसेना) के तहत 9 आतंकी ठिकानों पर 24 सटीक हमले किए. ये हमले 25 मिनट में पूरे हुए.
भारत के टारगेट
5 ठिकाने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में: मस्जिद सैयदना बिलाल (मुजफ्फराबाद), गुलपुर ट्रेनिंग कैंप (कोटली), सवाई नाला कैंप (मुजफ्फराबाद), मस्जिद अहल-ए-हदीस (बरनाला, भिंबर) और एक अन्य.
4 ठिकाने पाकिस्तान के पंजाब में: सरजाल कैंप (सियालकोट), मेहमूना जोया (सियालकोट), मार्कज तैबा (मुरीदके), मस्जिद सुब्हान अल्लाह (बहावलपुर).
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हथियार कौन से इस्तेमाल हुए
भारत ने कहा कि यह हमला आतंकी ढांचे पर था, न कि पाकिस्तानी सेना या नागरिकों पर. विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया था कि हमने नागरिकों और सैन्य ठिकानों को नुकसान से बचाया.
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पाकिस्तान का जवाब और नुकसान
पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर को “युद्ध की कार्रवाई” बताया और जवाबी हमले शुरू किए. 7 मई से 10 मई तक दोनों देशों में तनाव चरम पर रहा.
पाकिस्तान के नुकसान
सैन्य ढांचे को नुकसान
मुरीदके में मार्कज तैबा और बहावलपुर में मार्कज सुब्हानलला के 4 ठिकाने तबाह. लाहौर और गुजरांवाला के पास रडार सिस्टम नष्ट. 11 एयरबेस को नुकसान. पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने 5 भारतीय विमान (3 राफेल सहित) मार गिराए. भारत ने इसकी पुष्टि नहीं की, लेकिन कहा कि पायलट सुरक्षित हैं.
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पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई
भारत का नुकसान
वैश्विक प्रतिक्रिया और युद्धविराम
ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया का ध्यान खींचा...
अमेरिका: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 10 मई को युद्धविराम की घोषणा की, जिसे भारत और पाकिस्तान ने माना. ट्रंप ने कहा कि मैं दोनों देशों के साथ हूं. इसे सुलझाने में मदद करूंगा.
कतर, सऊदी अरब, यूके: इन देशों ने तनाव कम करने की अपील की.
यूरोपीय संघ: पहलगाम हमले की निंदा की, लेकिन दोनों देशों से संयम बरतने को कहा.
पाकिस्तान का दावा: इस्लामाबाद ने UN चार्टर के आर्टिकल 51 का हवाला देकर जवाबी कार्रवाई का अधिकार मांगा.
10 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान ने युद्धविराम पर सहमति जताई. 11 मई को भारतीय सेना ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में रात शांत रही.
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पाकिस्तान की हार के सबूत
सैटेलाइट तस्वीरें: 13 मई 2025 को भारत ने मुरीदके और बहावलपुर के तबाह आतंकी ठिकानों की तस्वीरें जारी कीं.
आतंकी ढांचा: 9 आतंकी कैंप पूरी तरह नष्ट, जिनमें 21 ट्रेनिंग कैंपों की सूची थी.
राजनीतिक एकता: पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर ने आंतरिक एकता पैदा की. X पर पोस्ट्स थे कि 100+ आतंकी ढेर, 11 एयरबेस तबाह, रडार सिस्टम नष्ट.
भारत की रणनीति और उपलब्धियां
पाकिस्तान का दर्द
सैन्य नुकसान: 11 एयरबेस और रडार सिस्टम की तबाही ने पाकिस्तानी वायुसेना को कमजोर किया.
आतंकी नेटवर्क: LeT और JeM के ठिकाने नष्ट होने से आतंकी गतिविधियां कमजोर हुईं.
राजनयिक हार: फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, युद्धविराम ने पाकिस्तान को “राजनयिक बढ़त” दी, लेकिन भारत ने आतंकवाद का मुद्दा वैश्विक मंच पर उठाया.
आर्थिक प्रभाव: पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र बंद होने और सैन्य नुकसान से अर्थव्यवस्था पर बोझ पड़ा.
ऑपरेशन सिंदूर भारत की सैन्य और राजनयिक ताकत का प्रतीक है. 100+ आतंकियों की मौत, 9 आतंकी कैंपों की तबाही और पाकिस्तान के 11 एयरबेस को नुकसान ने दुश्मन को घुटनों पर ला दिया. 5 भारतीय सैनिकों और 18 नागरिकों की शहादत ने देश को एकजुट किया. प्रधानमंत्री मोदी का बयान सही है— पाकिस्तान अब ऑपरेशन सिंदूर का नाम सुनकर कांपेगा. यह ऑपरेशन भारत के नए सामान्य—आतंक के खिलाफ सटीक और बेखौफ जवाब—का प्रतीक है.